
पांच दिव्यांग जोड़ी का विवाह संपन्न बाजे गाजे के साथ निकली बारात
पांच दिव्यांग जोड़ो का विवाह संपन्न, गाजे-बाजे के साथ निकली बारात, घराती-बाराती हुए शामिल
समाजसेवी ताराचंद माहेश्वरी, सुरेंद्र छाबड़ा और किसान नेता योगेश तिवारी के सयुंक्त तत्वाधान में विवाह समारोह आयोजित
कवि सम्मेलन समिति कई कार्यक्रम हुए, समारोह में जिलेभर से आए गणमान्य नागरिकों ने की शिरकत
बेमेतरा, परोपकार से बढ़कर कोई धर्म नही है, यह वाक्य शहर के समाजसेवी ताराचंद माहेश्वरी, सुरेंद्र छाबड़ा और किसान नेता योगेश तिवारी पर चरितार्थ हो रहा है । शुक्रवार को शहर में एक अनूठा आयोजन हुआ । निःशक्त सेवा समिति और समाजसेवी और जनप्रतिनिधियो के सयुंक्त सहयोग से पांच दिव्यांग जोड़ो का विवाह सम्पन्न हुआ ।
समारोह में बिंदा संग राजेश, सरस्वती संग घनश्याम, परदेशनीन संग ओमप्रकाश, अनीता संग मुकेश, जागेश्वरी संग विनेश परिणय सूत्र में बंधे । समारोह में जिले भर से आए गणमान्य नागरिकों ने शिरकत किया । समारोह के लिए घराती और बाराती बाजार पारा स्थित माता भद्रकाली मंदिर प्रांगण में इकट्ठा हुए । जहां स्वलापहार करने के बाद सुबह करीब 11 बजे गाजे बाजे के साथ बारात निकाली गई । दिव्यांग जोड़ो को रथ में सवार किया गया । शहर भ्रमण के बाद बारात टाउन हॉल पहुची । इस दौरान बारात में शामिल घराती और बाराती बाजे की धुन पर थिरक रहे थे । इसके बाद विधि विधान से दिव्यांग जोड़ो ने सात फेरे लिए । इस अवसर पर समाज सेवी ताराचंद माहेश्वरी, सुरेन्द्र छाबड़ा और किसान नेता योगेश तिवारी ने नवविवाहित जोड़ो को सुखी दाम्पत्य जीवन का आशीर्वाद दिया । रात्रि 8 बजे टाउन हॉल में स्वरुचि भोज और आशीर्वाद समारोह हुआ । जिसमें बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक शामिल हुए ।
दिव्यांगों से जीवन में संघर्ष करने की मिलती है प्रेरणा
इस अवसर पर किसान नेता योगेश तिवारी ने कहा कि इस तरह के आयोजन जरूरी है । ऐसे आयोजन से सामाजिक समरसता का भाव जागृत होता है । लोगो अपनो के साथ दूसरो के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है । दिव्यांगों के शरीर मे कमी होने के बावजूद उनके हौसले बुलंद होते हैं, जिससे हम सभी संघर्ष की प्रेरणा मिलती है । बेमेतरा शहर में दिव्यांग जोड़ो के विवाह का सफल आयोजन सराहनीय कदम है ।
विवाह समारोह के कवि सम्मेलन मे खूब लगे ठहाके
इस अवसर पर टाउन हॉल में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसमे भारी संख्या मे श्रोता गण उपस्थित रहे । कवि सम्मेलन स्वस्थ मनोरंजन के साथ साथ साथ अपने जीवन मे कुछ सीख भी देते है । समाजसेवी सुरेन्द्र छाबड़ा, ताराचंद महेश्वरी समाज सेवी ने कहा कि दिव्यांगों के मांगलिक कार्यक्रम में सहभागी बनना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है । कवि सम्मेलन देर रात तक चला उपस्थित श्रोता गण खुब ठहाके लगाए । कवि सम्मेलन का संचालन बेमेतरा के हास्य व्यंग्य कवि रामानन्द त्रिपाठी ने किया उन्होने अपनी हास्य रचनाओं से शुरू से आखरी तक लोगों को बांधे रखा।
इन कवियों ने समां बांधा, श्रोता रात भर डटे रहे
ठेलका (साजा) से पहुंचे छत्तीसगढ़ी के वीर रस के कवि ईश्वर साहू आरूग ने उपस्थित श्रोताओं मे अपनी छाप छोड़े, उसके पश्चात नवागढ़ से हास्य रस के कवि मनोज श्रीवास्तव ने श्रोताओं को अपनी हास्य कविताओं से लोट पोट किया । भिलाई से पहुंचे श्रृंगार रस के कवियीत्री निशा आनंद तिवारी ने अपनी प्यार मोहब्बत की कविताओं से लोगों का दिल मोह लिया । उसके बाद नांदघाट से पहुंचे हास्य रस के कवि कृष्णा भारतीय ने अपनी चिरपरिचित अंदाज से उपस्थित श्रोताओं को खूब हंसाया ।